एमपी में 38 दिन जेल रहा भ्रष्टाचार का आरोपी अधिकारी सहायक आयुक्त जैसे पद पर पदस्थ

 

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जनजातीय विभाग के भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों को पद से हटाने के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र। उन्होंने पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि संलग्न शिकायत की जांच कराते हुए भ्रष्ट अधिकारियों को प्रमुख पदों से हटाये जाने के लिये नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित को समुचित निर्देश प्रदान करें।

 

दिग्विजय सिंह का शिवराज को भेजा गया पत्र...

 

प्रिय श्री शिवराज सिंह चौहान जी,

 

मेरे खंडवा जिले के दौरे पर स्थानीय लोगों ने जनजातीय कार्य विभाग द्वारा सहायक आयुक्त/जिला संयोजक/क्षेत्र संयोजक के स्थानांतरण पद की वरिष्ठता को नजर अंदाज कर अनियमितता किये जाने की शिकायत की है। स्थानीय रहवासियों ने बताया है कि वरिष्ठ आयुक्त एवं सहायक आयुक्त होने के पश्चात भी विभाग द्वारा क्षेत्र संयोजक प्राचार्य एवं मंडल संयोजकों को सहायक आयुक्त एवं प्रभारी संभाग आयुक्त का प्रभार दिया गया है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 24-05-2023 की छायाप्रति पत्र के साथ संलग्न है।

 

जनजातीय कार्य विभाग के आदेश में प्राचार्य पद पर कार्यरत श्री बृजकांत शुक्ला को प्रभारी सहायक आयुक्त धार पदस्थ किया है। जबकि श्री शुक्ला के विरूद्ध पूर्व पदस्थापना के दौरान लाखों रूपये की वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार के प्रकरण चल रहे है। लोकायुक्त की जांच में दोषी पाये गये है और 38 दिन जेल में भी रहे है। इस तरह की पदस्थापना से आपके द्वारा भ्रष्टाचार के विरूद्ध सख्ती बरते जाने को लोग गंभीरता से नही लेते है। भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को सहायक आयुक्त जैसे पद पर पदस्थ करने से भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद होते है। इससे सरकार की मंशा पर भी प्रश्न चिन्ह लगते है और ईमानदार अधिकारी हतोत्साहित होते है।

 

अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि संलग्न शिकायत की जांच कराते हुए भ्रष्ट अधिकारियों को प्रमुख पदों से हटाये जाने के लिये नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित को समुचित निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।

 

                              

न्यूज़ सोर्स : Icn